गिलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस)

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर नसों और तंत्रिकाओं से जुड़ा ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिकाओं पर हमला कर देती है। यह रोग अचानक हाथ-पैरों में कमजोरी, झुनझुनी, सुन्नपन और यहां तक कि लकवे (पैरालिसिस) का कारण बन सकता है। अहमदाबाद सहित कई शहरों में इसके मामलों की पहचान हुई है, और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है?

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की नसों को प्रभावित करती है। इसे हिंदी में ‘गुलियन-बैरे सिंड्रोम’ भी कहा जाता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से नसों की सुरक्षा परत (मायलिन शीथ) पर हमला करती है, जिससे दिमाग तक सही तरीके से संकेत नहीं पहुंचते। इसका नतीजा हाथ-पैरों में कमजोरी, झुनझुनी और सुन्नपन के रूप में दिख सकता है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण

जीबीएस के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
  • मांसपेशियों में कमजोरी जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है
  • संतुलन और समन्वय की समस्या
  • तेज़ दर्द या ऐंठन
  • बोलने और निगलने में कठिनाई
  • तेज़ हृदयगति और निम्न या उच्च रक्तचाप
  • गंभीर मामलों में, सांस लेने में कठिनाई

गिलियन-बैरे सिंड्रोम के कारण

जीबीएस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह अक्सर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होता है। संभावित ट्रिगर कारकों में शामिल हैं:

  • वायरल संक्रमण: फ्लू, कोविड-19, हर्पीस वायरस, या जिका वायरस
  • बैक्टीरियल संक्रमण: कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी संक्रमण (Campylobacter jejuni) खाद्य विषाक्तता का एक कारण
  • टीकाकरण या सर्जरी: दुर्लभ मामलों में, कुछ टीकों या सर्जरी के बाद यह स्थिति विकसित हो सकती है।
  • ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाएं: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला कर सकती है, जिससे यह विकार हो सकता है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?

जीबीएस के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

1.लंबर पंचर (स्पाइनल टैप): सीएसएफ (Cerebrospinal Fluid) में प्रोटीन स्तर की जांच

2.नर्व कंडक्शन स्टडी (NCS): तंत्रिकाओं की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए

3.इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG): मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के बीच संचार को जांचने के लिए

4.ब्लड टेस्ट: संक्रमण या ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के संकेतों का पता लगाने के लिए

गिलियन-बैरे सिंड्रोम की दवाएं और उपचार

गिलियन-बैरे सिंड्रोम के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है, लेकिन कुछ उपचार और दवाएं लक्षणों को कम करने और रिकवरी में मदद कर सकती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG): यह थेरेपी एंटीबॉडी प्रदान करती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करना बंद कर देती है। यह जीबीएस के लक्षणों को तेजी से कम करने में मदद करता है।
  • प्लास्मा एक्सचेंज (प्लास्माफेरेसिस): इस प्रक्रिया में रक्त से हानिकारक एंटीबॉडी को हटाकर नए प्लाज्मा से बदला जाता है, जिससे तंत्रिकाओं को कम नुकसान पहुंचता है।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं: हालांकि यह उपचार जीबीएस के लिए प्राथमिक रूप से उपयोग नहीं किया जाता, कुछ मामलों में सूजन कम करने के लिए डॉक्टर इन्हें सलाह दे सकते हैं।
  • फिजियोथेरेपी और पुनर्वास: मांसपेशियों की ताकत और गतिशीलता को बहाल करने में मदद करने के लिए विशेष व्यायाम और थेरेपी की जरूरत होती है।
  • सपोर्टिव केयर: सांस लेने में कठिनाई होने पर वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम में उपयुक्त आहार

सही आहार GBS से रिकवरी में मदद कर सकता है। यहां कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो फायदेमंद हो सकते हैं:

  • प्रोटीन युक्त आहार: मछली, अंडे, दालें और नट्स मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाते हैं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड: अलसी के बीज, अखरोट और सैल्मन तंत्रिका कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक होते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल और सब्जियां: बेरीज, गाजर, पालक और टमाटर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
  • विटामिन बी12 और डी: दूध, पनीर, अंडे और सूरज की रोशनी में रहना तंत्रिकाओं की सेहत में मदद करता है।
  • हाइड्रेशन: पानी और हर्बल चाय का अधिक सेवन तंत्रिका कार्य में सुधार करता है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम किन उम्र के लोगों को प्रभावित करता है?

GBS किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता है। हालांकि, बच्चे और युवा वयस्क भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, खासकर यदि उन्हें हाल ही में किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण का सामना करना पड़ा हो।

रिकवरी और पूर्वानुमान

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से उबरने में कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों या, दुर्लभ मामलों में, सालों तक का समय लग सकता है। अधिकतर मरीज सही उपचार और देखभाल से धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में कमजोरी, सुन्नपन या तंत्रिका क्षति लंबे समय तक बनी रह सकती है। यदि बीमारी का जल्द निदान हो और समय पर सही इलाज शुरू किया जाए, तो रिकवरी की संभावना काफी बेहतर हो जाती है। फिजियोथेरेपी और पोषक आहार भी तेजी से स्वस्थ होने में मदद कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. गिलियन-बैरे सिंड्रोम क्यों होता है?

यह आमतौर पर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के गलत प्रतिक्रिया देने के कारण होता है।

2. क्या गिलियन-बैरे सिंड्रोम संक्रामक है?

नहीं, यह संक्रामक रोग नहीं है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।

3. क्या जीबीएस का इलाज संभव है?

हाँ, उचित इलाज से अधिकतर मरीज ठीक हो जाते हैं, हालांकि रिकवरी में समय लग सकता है।

4. क्या गिलियन-बैरे सिंड्रोम से स्थायी नुकसान हो सकता है?

कुछ मामलों में तंत्रिका क्षति के कारण कमजोरी या सुन्नपन लंबे समय तक बना रह सकता है।

5. अहमदाबाद में गिलियन-बैरे सिंड्रोम का इलाज कहां कराया जा सकता है?

अहमदाबाद में कई प्रमुख न्यूरोलॉजी अस्पताल और विशेषज्ञ गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के इलाज में माहिर हैं। सटीक निदान और प्रभावी उपचार के लिए न्यूरोलॉजिस्ट, रुमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें। समय पर इलाज से रोगी की रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

गिलियन-बैरे सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन दुर्लभ तंत्रिका रोग है, जिसमें समय पर निदान और उचित चिकित्सा सहायता से सुधार संभव है। यदि आपको कोई असामान्य कमजोरी, सुन्नपन, या चलने-फिरने में दिक्कत महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जागरूकता और समय पर उपचार ही इस बीमारी से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है।

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